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सोचा था कि दिल्लगी

सोचा था कि दिल्लगी ना किसी से करेंगे कभी आपको देखकर खुद को रोक नहीं पाया इजहार करने को मैं तड़पता रहा ना जाने क्यों कुछ कह नहीं पाया

तुम्हारी मीठी बातों का वह फसाना मुझे याद आता है

तुम्हारी मीठी बातों का वह फसाना मुझे याद आता है एक छोटी सी बात पर गुस्सा ना मुझे याद आता है फिर कुछ वक्त बाद प्यार जताना याद आता है तुम्हारी वादो का खजाना मुझे याद आता है